रविवार, 6 जनवरी 2013

थोड़ा लेफ्ट, थोड़ा राइट...के बारे में

कई बार अपनी नन्ही बेटी की कही हुईं बातें अचंभित करती हैं, लगता है कि हम इस उम्र में ये नहीं कह सकते थे। उसकी बातें सहेजने और उसके जैसी और लड़कियों की बातों को एक जगह रखने के लिए एक ब्लॉग का ख्याल घुमड़ रहा था। ब्लॉग के लिए बहुत सारे नाम चुने मगर सब कहीं न कहीं इस्तेमाल हो रहे हैं। फिर थोड़ा लेफ्ट थोड़ा राइट डाला तो ये यूआरएल उपलब्ध मिला।

एक बार खेल-खेल में बेटी बिस्तर पर या तो बिलकुल उपर जाकर सर लगाकर सो रही थी या फिर बिलकुल ही नीचे आकर। मैने उसके तकिए को ठीक जगह रखने के लिए  मजेदार तरीके से थोड़ा लेफ्ट थोड़ा राइट बोला और फिर मैं इस बात को भूल गई। मगर तीन साल की हो चुकी मेरी बेटी को ये बात रही और वो अक्सर इस जुमले का इस्तेमाल करती है।


फिर ब्लॉग का नाम चुनते समय लगा कि लड़कियों की दुनिया की सेटिंग इस दुनिया में ठीक से
नहीं हो पा रही। इस एक दुनिया में कितनी ही अलग दुनियां हैं। लड़कियों की दुनिया बिलकुल अलग है। उसे सही जगह सेट करने के लिए जरूरी है थोड़ा लेफ्ट होना, थोड़ा राइट।

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